Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Dec 2017 · 1 min read

02- जाग ।

“सोयेगा कब तक , ओ शेषनाग ।
बीत गई सदियां ,गुजर गई रातें ,
सहते पल पल, चोटें अघातें
कोई तो मृदु सा छ्न्द सुना देआज ।1।

युग विकसित हुई फिर भी रेंगन
घूमता फिरता , पथ पर वमन ।
कहाँ गई तड़पन,कहाँ गया सब राग ।2।

छूता हूँ तन , पर न होता असर
हुंकार दिखा दे ,न तू जहर
गलने दे न तन ,दिखा दे न अपना राग।3।

सुख गया क्या रक्त धमनी का
ध्यान नहीं है क्या अवनि का
गरज कर दिखा दे, जोशीली आवाज।4 ।

अन्याय घूमता फिरता ,ग़लीयों में
भृस्टाचार मश्त है , रंगरलियों में
कुरुक्षेत्र में रहकर , जले धरती का सुहाग।5।

लक्ष्य भेद दो , पथ पर निर्भय
करो न लज्ज़ा ,तन मन संशय
मार भगाओ हत्यारों को,रही न जिनको लाज।6।

अपना अरमान , संचित कर लो
सुहाग अवनि का ,रंजित कर दो
लिप्सानल अरि को, पत्त्थर बन कर लाग ।7।

Language: Hindi
477 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पूर्ण शरद का चंद्रमा,  देख रहे सब लोग
पूर्ण शरद का चंद्रमा, देख रहे सब लोग
Dr Archana Gupta
"मिलते है एक अजनबी बनकर"
Lohit Tamta
अपने दिल का हाल न कहना कैसा लगता है
अपने दिल का हाल न कहना कैसा लगता है
पूर्वार्थ
शीर्षक - सच (हमारी सोच)
शीर्षक - सच (हमारी सोच)
Neeraj Agarwal
तेरे सुर्ख़ हाथों को देख
तेरे सुर्ख़ हाथों को देख
Anand Kumar
తెలుగు భాషా దినోత్సవ శుభాకాంక్షలు.
తెలుగు భాషా దినోత్సవ శుభాకాంక్షలు.
*प्रणय*
*है गृहस्थ जीवन कठिन
*है गृहस्थ जीवन कठिन
Sanjay ' शून्य'
स्त्रीत्व समग्रता की निशानी है।
स्त्रीत्व समग्रता की निशानी है।
Manisha Manjari
How to say!
How to say!
Bidyadhar Mantry
कभी  विवादों में यूँ रहकर देखा।
कभी विवादों में यूँ रहकर देखा।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
खैरात बांटने वाला भी ख़ुद भिखारी बन जाता है,
खैरात बांटने वाला भी ख़ुद भिखारी बन जाता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मेरी मौजूदगी बस हमारी सांसों तक है।
मेरी मौजूदगी बस हमारी सांसों तक है।
Rj Anand Prajapati
सत्य की खोज
सत्य की खोज
लक्ष्मी सिंह
तुम्हें पाना, तुम्हे चाहना
तुम्हें पाना, तुम्हे चाहना
हिमांशु Kulshrestha
4473.*पूर्णिका*
4473.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जंग लगी थी सदियों से शमशीर बदल दी हमने।
जंग लगी थी सदियों से शमशीर बदल दी हमने।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
जिंदगी है तो तकलीफ तो होगी ही
जिंदगी है तो तकलीफ तो होगी ही
Ranjeet kumar patre
" जय भारत-जय गणतंत्र ! "
Surya Barman
लड़ता रहा जो अपने ही अंदर के ख़ौफ़ से
लड़ता रहा जो अपने ही अंदर के ख़ौफ़ से
अंसार एटवी
खींच रखी हैं इश्क़ की सारी हदें उसने,
खींच रखी हैं इश्क़ की सारी हदें उसने,
शेखर सिंह
यदि आपका चरित्र और कर्म श्रेष्ठ हैं, तो भविष्य आपका गुलाम हो
यदि आपका चरित्र और कर्म श्रेष्ठ हैं, तो भविष्य आपका गुलाम हो
Lokesh Sharma
"इस तरह"
Dr. Kishan tandon kranti
वो साँसों की गर्मियाँ,
वो साँसों की गर्मियाँ,
sushil sarna
मन काशी में रम जाएगा जब काशी तन ये जाएगा
मन काशी में रम जाएगा जब काशी तन ये जाएगा
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
कुण्डलियां छंद-विधान-विजय कुमार पाण्डेय 'प्यासा'
कुण्डलियां छंद-विधान-विजय कुमार पाण्डेय 'प्यासा'
Vijay kumar Pandey
जिंदगी बंद दरवाजा की तरह है
जिंदगी बंद दरवाजा की तरह है
Harminder Kaur
मनोकामना
मनोकामना
Mukesh Kumar Sonkar
जीवन के किसी भी मोड़ पर
जीवन के किसी भी मोड़ पर
Dr fauzia Naseem shad
पिछले 4 5 सालों से कुछ चीजें बिना बताए आ रही है
पिछले 4 5 सालों से कुछ चीजें बिना बताए आ रही है
Paras Mishra
परिवार
परिवार
Shashi Mahajan
Loading...