01/05/2024
01/05/2024
नियमों मे रहना सीखा पर मानवता क्यू भूल गए
अपने स्वार्थ के लिए सब अपनापन क्यू भूल गए
मात पिता ने जन्म दिया उनकी सेवा क्यू भूल गए
वृक्ष बिना असंभव जीना पेड़ लगाना क्यू भूल गए
जीव जन्तु सब कुछ देते उन्हें पालना क्यू भूल गए
देश रक्षा सबसे पहले सैनिक बनना क्यू भूल गए
पढ़े लिखे भारतवासी अब ईमानदारी क्यू भूल गए
राम भक्त बनते सब मर्यादा से जीना क्यू भूल गए
गंगा के पानी में मानव डुबकी लगाना क्यू भूल गए
जिस धरा से अन्न मिला उसे सींचना क्यू भूल गए
अनजाने में पाप हुए जो कलंक धोना क्यू भूल गए
जितने दोष भरे तन में उन्हें मिटाना क्यू भूल गए
जैसा बीज वैसी फसल कहावत को क्यू भूल गए
संविधान तो लागू किया पालन करना क्यू भूल गए
कायरता से जीने वाले अधिकारों को क्यू भूल गए
दूध दही तो सबको भाता गाय पालना क्यू भूल गए
नियमों मे रहना सीखा पर मानवता क्यू भूल गए
अपने स्वार्थ के लिए सब अपनापन क्यू भूल गए
सत्यवीर वैष्णव