?निराश होना जरूरी है !!!!!?
आज ऐसा क्यों लगता है कि पूरी दुनिया निराश बैठी है , नही ऐसा बिल्कुल भी नहीं है, हम जब खुद निराश बैठते है तो पूरी दुनिया ही हमें निराशा की चादर से ढका हुआ प्रतीत होता है।
जैसे अगर हमारे पहने हुए चश्मे में दाग हो तो जिस तरफ हम देखते है हमे दाग ही नजर आती है।
निराशा का मुख्य कारण नकारात्मक विचार ही हो सकता है, आज अधिकतर लोगों के पास नकारात्मक ऊर्जा का भंडारण हो गया है जो केवल खुद को ही नहीं औरों को भी प्रभावित करते है। सामान्यत ये देखा गया है की प्रत्येक के जीवन में दो पहलू मौजूद होते है एक सकारात्मकता और नकारात्मकता , पहला ज्यादा है तो सुख नही तो दूसरे के साथ हमेशा दुख ही दुख।।।
।।सादर प्रणाम।।
प्रेम पूर्वक आपका आभार मेरे लेख को पढ़ने के लिए।।
।।त्रुटि हेतु क्षमाप्रार्थी।।
बिमल रजक
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