? रक्षाबंधन पर मुक्तक….. ?
?? सभी स्नेही स्वजनों को पावन प्रीत पर्व ”रक्षाबन्धन” की कोटानिकोट बधाइयाँ। ??
✏ विधा- मुक्तक(16-14)
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शुभ मङ्गलमय पर्व सभी को, शुभ मङ्गलमय बेला है।
अति सुखकर पावन फलदायी, प्रीति-पर्व अलबेला है।
निश्छल प्रेम बहन-भाई का, हिंद धरा की थाती है।
भ्रात-भगिनि की प्रीत सजाता, खुशियों का इक मेला है।
राखी के धागों के जैसा, बंधन कोई और नहीं।
जो बंध जाता ख़ुशी मनाता, खुशियों का नवभोर यही।
बहनों ने भाई को बांधा, रक्षासूत्र कलाई पर।
पावन पर्व हुआ मङ्गलमय, शीतल-मंद बयार बही।
कच्चा धागा बांध कलाई, बहन मंद मुस्काई है।
जीवन-भर तुम प्रीत निभाना, सब बहनों से भाई है।
रक्षा वचन दिया भाई ने, प्रीत कभी ना कम होगी।
सब बहनों का मान रखूँगा, कसम तेज’ यह खाई है।
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?तेज मथुरा✍