■ समयोचित सुविचार 😊
😊 आज की बात 😊
【प्रणय प्रभात】
“जो आदर, स्नेह, महत्व और मान्यता दे उसके प्रति पूर्णतः “कृतज्ञ” हो जाओ। जो उपेक्षा करअनदेखा, अपमानित या तिरस्कृत करे उसके प्रति सदैव के लिए “अनभिज्ञ” हो जाओ। फिर चाहे उससे सम्बन्ध पारिवारिक हो, सामाजिक हो अथवा सार्वजनिक।
अपनी पीढ़ियों को उक्त सलाह मेरे कहने से दें। शायद कभी काम आ जाए। जीवन-मूल्यों के तीव्रगामी बदलाव के दौर में। प्रातः वंदन।।
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