?? ऐ मेरे मधुमेह!! ??
ऐ मेरे मधुमेह !
तुम्हें कैसे धन्यवाद दूँ !
तुम्हारे कारण अपनों के साथ हूँ।
जीवन शैली को लेकर हो गई सावधान,
स्वास्थ्य का बना मेरा नया प्रावधान ।
जीवन के प्रति जो था लचर रवैया,
आज जीने का बदल गया तरीका ।
यह सजगता तुमने दी।
यह विलक्षणता तुमने दी।
न जाने क्यूँ तुम्हें —
मानते हैं, जीवन का अभिशाप ,
तुम्हारे नाम से ही जाते काँप ।
असंतुलन को नहीं देते विराम ,
स्वास्थ्य का रुदन सुबह -शाम ।
तुम तो स्वास्थ्य के प्रति करते सजग,
बेपरवाही से कराते ध्यान भंग ।
खान -पान का कराते ध्यान ,
संयमित जीवन का कराते ज्ञान।