??माता – पिता ??
ज़िन्दगी का सफ़र हो खुशनुमा ,
जो चले वो बनकर रहनुमा ।
साथ माता-पिता का जो मिले,
बदल जाए जीवन का फलसफ़ा।
खिलखिलाते सम्बन्धों का जो
उन्होंने यह ताना-बाना बुना ।
प्रेम का मीठा सागर हैं वो ,
उनको नहीं है यह पता ।
परवरिश सरीखी समस्याओं का,
समाधान उन्होंने है किया ।
अनुभव का भण्डार हैं वो ,
अनुराग का फल हमको मिला।
अपना सर्वस्व हमपे अर्पण किया,
उसके अनुरूप हमने क्या मान दिया?
उनको तो बस, सम्मान की चाह,
इसके अतिरिक्त उन्होंने माँगा क्या?