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7 Jul 2022 · 1 min read

💐संसारे कः अपि स्व न💐

संसारे कः अपि स्व न।केवलं भगवान् एव स्व अस्ति।संसारे ‘मेरापन’ इति महान् पतनकर्ता।येषु त्यागस्य अभिमानम् अस्ति।ते त्यागिनः न।प्रत्युत महाभोगिनःसन्ति।किं मलस्य मूत्रस्य त्यागस्य अभिमान स्पर्श करोति?
अहं धनी च त्यागी च-द्वयोः कोSपि अन्तरं न।

©®अभिषेक:पाराशरः

Language: Sanskrit
273 Views
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