💐ये मेरी आशिकी💐
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
एक अबोध बालक💐अरुण अतृप्त
जीत कर जंग
जगत से हम दिखाएंगे
जो तुम थक जाओगे
तो सहारा हम बन जायेंगे
मसीहा बन नही सकते
तो क्या गिला हो गा
कोई प्यासा मिलेगा गर
तो जल उसको पिलायेंगे
रही बातें जज्बात की
और दुनियादारी की
हैं इंसानियत जो हममें
तो प्राणियों को प्यार सिखाएंगे
कभी भूखा मिलेगा राह
चलते देख लेना तुम
जो होंगी दो रोटी पास
तो एक भी उसको खिलाएंगे
ये मालूम है हमको कि
दुनिया सराय फ़ानी है
रहेंगे जितने दिन दुनियां में
हम बस नफ़रत को मिटायेंगे 🙏🙏