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18 Jun 2022 · 1 min read

💐प्रकृत्या: कार्ये प्रकृति: एव दर्शयति💐

यथा स्त्रिय: पतयः कृते ‘वह’इति कथयन्ति च ‘यह’इति कथयन्ति।एतादृशः एव परमात्मनं ‘वह’ अर्थात् ‘तत्’ इति च ‘यह’ अर्थात् ‘अस्य’इत्यपि कथयन्ति-‘अविनाशी तु तद्विध्दि’—————-‘विनाशमव्ययस्यास्य'(गीता 2/17)।एतस्मिन् परमात्मनः सर्वेषां स्थिति: स्वतः सिद्ध: अस्ति।अचिरं प्रवाहवान् संसारे यः ‘है-पना’इति दर्शयति,एषः परमात्मनः एव अस्ति।प्रकृत्या: कार्ये प्रकृति: एव दर्शयति।

©अभिषेक: पाराशरः

Language: Sanskrit
148 Views
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