?प्रकल्प?
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
एक अबोध बालक :अरुण अतृप्त
भोर का नमन दोस्त ??
पुष्प गुच्छ के साथ
मानव के उत्कर्ष ही
देते पल पल साथ
देते पल पल साथ
करें जो श्रम जीवन में
उनको मिलती प्रसन्नता
रहे वे सुख से जीवन में
कह कर बालक चल दिया
राह एक अनजानी
अपनी करनी साथ है
तेरी तूने जानी ।।
तेरी तूने जानी ।।