Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jan 2018 · 1 min read

?पिया की याद मैं?

पिया की याद मैं

■ दहलीज पर बैठ मैं अश्क़ बहा रही पिया की याद में,
क्यूँ छोड़ चल दिए मुझे पिया मेरे परदेश में।

■ सजधज निहारु पिया की रोज वाट मैं,,,
दिन रात महसूस करु पिया की आहट मैं।

■ भूल न जाये मुझे कहि पिया मेरा परदेश में,,,
दिन रात सोचती रहू खामोश रहकर मैं।

■ आँखे भी तरस रही पिया के दीदार में,,,
कब आएंगे पिया मेरे कैसे गुजारु दिनरात मैं।

■ घर आँगन में रौनक न रही पिया बगैर,,
हर पल अधूरा महसूस करू मैं मेरे हमसफ़र के बगैर।

■ दिल का दुखड़ा कैसे किसको सुनाऊ में,,,
पिया बिन जीना हुआ मुश्किल दिल को कैसे समझाऊँ मैं।

गायत्री सोनु जैन मन्दसौर??

Language: Hindi
200 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
💐प्रेम कौतुक-231💐
💐प्रेम कौतुक-231💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मुझे तुमसे प्यार हो गया,
मुझे तुमसे प्यार हो गया,
Dr. Man Mohan Krishna
सरसी छंद
सरसी छंद
Charu Mitra
--एक दिन की भेड़चाल--
--एक दिन की भेड़चाल--
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
■ आज का विचार-
■ आज का विचार-
*Author प्रणय प्रभात*
नफरतों के शहर में प्रीत लुटाते रहना।
नफरतों के शहर में प्रीत लुटाते रहना।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
मोहक हरियाली
मोहक हरियाली
Surya Barman
*ये आती और जाती सांसें*
*ये आती और जाती सांसें*
sudhir kumar
संसद के नए भवन से
संसद के नए भवन से
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
मैं ऐसा नही चाहता
मैं ऐसा नही चाहता
Rohit yadav
लगाये तुमको हम यह भोग,कुंवर वीर तेजाजी
लगाये तुमको हम यह भोग,कुंवर वीर तेजाजी
gurudeenverma198
व्यंग्य क्षणिकाएं
व्यंग्य क्षणिकाएं
Suryakant Dwivedi
मेरी शायरी
मेरी शायरी
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
घबरा के छोड़ दें
घबरा के छोड़ दें
Dr fauzia Naseem shad
3017.*पूर्णिका*
3017.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वक्त
वक्त
लक्ष्मी सिंह
जाने वाले बस कदमों के निशाँ छोड़ जाते हैं
जाने वाले बस कदमों के निशाँ छोड़ जाते हैं
VINOD CHAUHAN
मत छेड़ हमें देशभक्ति में हम डूबे है।
मत छेड़ हमें देशभक्ति में हम डूबे है।
Rj Anand Prajapati
चाहिए
चाहिए
Punam Pande
मैं इस दुनिया का सबसे बुरा और मुर्ख आदमी हूँ
मैं इस दुनिया का सबसे बुरा और मुर्ख आदमी हूँ
Jitendra kumar
शार्टकट
शार्टकट
Dr. Pradeep Kumar Sharma
भ्रात प्रेम का रूप है,
भ्रात प्रेम का रूप है,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
दस लक्षण पर्व
दस लक्षण पर्व
Seema gupta,Alwar
गये ज़माने की यादें
गये ज़माने की यादें
Shaily
आकाश से आगे
आकाश से आगे
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
धीरे-धीरे रूप की,
धीरे-धीरे रूप की,
sushil sarna
जाने किस कातिल की नज़र में हूँ
जाने किस कातिल की नज़र में हूँ
Ravi Ghayal
बुंदेली दोहा बिषय- नानो (बारीक)
बुंदेली दोहा बिषय- नानो (बारीक)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
*ऐसा हमेशा कृष्ण जैसा, मित्र होना चाहिए (मुक्तक)*
*ऐसा हमेशा कृष्ण जैसा, मित्र होना चाहिए (मुक्तक)*
Ravi Prakash
जो उसके हृदय को शीतलता दे जाए,
जो उसके हृदय को शीतलता दे जाए,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
Loading...