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13 Jan 2017 · 1 min read

?‍??‍?रिश्वत खोर बैठे है??

?‍??‍?रिश्वत खोर बैठे है??
यत्र तत्र सर्वत्र सब रिश्वत खोर बैठे है।।
तेंन्दू के काले बेत जैसे देखो वे ऐठे है।।

किसी की नहीं सुनते बिन दाम कौड़ी के।
काम नहीं करते कोई मोड़ा और मोड़ी के।
हर किसी काम के ठेके जैसे लेते है।1।

आनाकानी काम में करे बहाने रोज।
आज न,कल न,आओ परसोके रोज।
ज्यादा सी कहो तो दुत्कारे से देते है।2।

तंत्र भंगार हुआ जन कंगाल हुआ।
यन्त्र बेकार हुआ गणतंत्र बेहाल हुआ।
रिश्वत हे रूप कई जहाँ के लोग देते है।3।

बड़े बख्सीस कहे माध्यम उसे भेट कहे।
छोटे और कमजोर गरीब लोग सेवा में रहे।
शराब शबाब कबाब की कई पार्टी लेते है।4।

बाबू चपरासी साहब की मिली भगत होती है।
नेतो और सेठो से भारत की जनता रोती है।
मनु गलत वो भी है जो इनका साथ देते है।5।
✍✍मानक लाल मनु??
??सरस्वती साहित्य परिषद??

Language: Hindi
188 Views
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