?फासला
फासला दरम्यां बस इतना सा रह गया
वो टूटकर गिरा में पेड़ पर ही रह गया
माँ-बाप ने जो प्यार से सौंपी थी जागीरे
आधा तेरे, आधा मेरे हिस्से में रह गया
जो ख़ाक में मिला वो गुमनाम रह गया
बच्चे अनाथ और घर सुनसान रह गया
मेहनत कश हाथों में ना काम रह गया
उगा के धन-धान भूखा किसान रह गया
कोख में नन्हा फरिश्ता बेजान रह गया
कातिल उसका मगर बेनाम रह गया
साहिल” इश्क़ में बहुत नादान रह गया
वो लूट कर चला गया मैं अंजान रह गया
#SK ?