Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Feb 2018 · 1 min read

? लुटेरे ?

? लुटेरे ?

एक समय बाबाओं का दौर
अब समय लुटेरों का दौर

कहते नाम में क्या रखा है
जो है नाम वाला वही बदनाम है

जनता धन का ना कोई रक्षक
रक्षक बनकर बनते भक्षक

ठग-ठग मिलकर चुना लगाये
अथ॔व्यवस्था को ठेंगा दिखाये

अब जनता जागृत हो जाये
दंडित कर जनता एकता दिखाये

@ कापीराइट
राजू गजभिये

Language: Hindi
485 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Raju Gajbhiye
View all
You may also like:
■ आज का शेर-
■ आज का शेर-
*प्रणय*
मां की ममता को भी अखबार समझते हैं वो,
मां की ममता को भी अखबार समझते हैं वो,
Phool gufran
जादुई गज़लों का असर पड़ा है तेरी हसीं निगाहों पर,
जादुई गज़लों का असर पड़ा है तेरी हसीं निगाहों पर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
सार छंद विधान सउदाहरण / (छन्न पकैया )
सार छंद विधान सउदाहरण / (छन्न पकैया )
Subhash Singhai
"आखिर"
Dr. Kishan tandon kranti
चांद तारों ने कहकशां  लिख दी ,
चांद तारों ने कहकशां लिख दी ,
Neelofar Khan
अच्छा हृदय और अच्छा स्वभाव दोनों आवश्यक है वो इसलिए क्योंकि
अच्छा हृदय और अच्छा स्वभाव दोनों आवश्यक है वो इसलिए क्योंकि
ललकार भारद्वाज
आ जाते हैं जब कभी, उमड़ घुमड़ घन श्याम।
आ जाते हैं जब कभी, उमड़ घुमड़ घन श्याम।
surenderpal vaidya
हम न रोएंगे अब किसी के लिए।
हम न रोएंगे अब किसी के लिए।
सत्य कुमार प्रेमी
*ऋषिगण देते हैं शाप अगर, निज भंग तपस्या करते हैं (राधेश्यामी
*ऋषिगण देते हैं शाप अगर, निज भंग तपस्या करते हैं (राधेश्यामी
Ravi Prakash
कायदों की बेड़ियों
कायदों की बेड़ियों
Chitra Bisht
कलम का क्रंदन
कलम का क्रंदन
डॉ नवीन जोशी 'नवल'
*** तूने क्या-क्या चुराया ***
*** तूने क्या-क्या चुराया ***
Chunnu Lal Gupta
9. पोंथी का मद
9. पोंथी का मद
Rajeev Dutta
*सपोर्ट*
*सपोर्ट*
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
"किसी की याद मे आँखे नम होना,
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
ముందుకు సాగిపో..
ముందుకు సాగిపో..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
गुलाब भी कितना मुस्कराता होगा,
गुलाब भी कितना मुस्कराता होगा,
Radha Bablu mishra
तुम अपने माता से,
तुम अपने माता से,
Bindesh kumar jha
जहरीले और चाटुकार  ख़बर नवीस
जहरीले और चाटुकार ख़बर नवीस
Atul "Krishn"
3256.*पूर्णिका*
3256.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"जय जवान जय किसान" - आर्टिस्ट (कुमार श्रवण)
Shravan singh
आध्यात्मिक जीवन का अर्थ है कि हम अपने शरीर विचार भावना से पर
आध्यात्मिक जीवन का अर्थ है कि हम अपने शरीर विचार भावना से पर
Ravikesh Jha
फूल को,कलियों को,तोड़ना पड़ा
फूल को,कलियों को,तोड़ना पड़ा
कवि दीपक बवेजा
"मैं तारीफें झूठी-मूठी नहीं करता ll
पूर्वार्थ
*** कृष्ण रंग ही : प्रेम रंग....!!! ***
*** कृष्ण रंग ही : प्रेम रंग....!!! ***
VEDANTA PATEL
विजया दशमी की हार्दिक बधाई शुभकामनाएं 🙏
विजया दशमी की हार्दिक बधाई शुभकामनाएं 🙏
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
अल्फाजों रूह मेरी,
अल्फाजों रूह मेरी,
हिमांशु Kulshrestha
एक पुरुष कभी नपुंसक नहीं होता बस उसकी सोच उसे वैसा बना देती
एक पुरुष कभी नपुंसक नहीं होता बस उसकी सोच उसे वैसा बना देती
Rj Anand Prajapati
Loading...