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29 Apr 2022 · 2 min read

🌺🏵️वृद्धावस्था वरदानं वा अभिशाप: वा🏵️🌺

1-वृद्धावस्था शरीरस्य जीर्णावस्था।परं जीवनं-शैलीत्वे परिवर्तनेन एषां अवस्थां युवावस्थाया: सदृशः जीवितुं शक्नोति। जरावस्था विविधा: रोगाणाम् शरण-स्थली।यत्र अनेकानां प्रकारणाम् रोगै: शरीरं अनिरामयः कुर्वन्ति।परं वृद्धावस्था अभिशाप: न वरदानं।

और तन तन के चल ले बाँके जवाँ,
चन्द दिनों के बाद कमर टेढ़ी ही जाएगी।
-अज्ञात

2-मष्तिकस्य क्रियाया: क्षीण: भवने सति स्मरणशक्ति: एकाग्रता श्रवणशक्ति: आदीषु अपि क्षीण: असामान्यप्रकृति: व्याकुलताया: सामाजिक: जीवनेन विलगता आदयः घटिता: भवति।एताभि: शरीरिकै: क्रियाभि: वृद्धस्य व्यक्तित्वस्य मनसि हीनं भाव: उत्पन्न: भवन्ति।तु सः मनसा पराजय: भवति।विशेषतः यदि सः ग्रहेण उपेक्षित: स्यात् तु स्थिति: बहुव: दुःखदायिन भवति।

हाल पूछा न करे हाथ मिलाया न करे।
मैं इसी धूप में खुश हूँ कोई साया न करे।
-काशिफ़ हुसैन गाएर

3-परं चिन्तनं कुर्वन्तु।वृद्धावस्था अभिशाप: न वरदानं।सम्प्रति वयं परिवारीजनानां कृते जगति कृते च जीवन्ति स्म।अधुना अस्मान् स्वेषां कृते जीवन्ति।ईश्वरेण च परमात्माना च सम्बन्धं स्थापयति।अस्माकं सर्वेषां कार्यानां एतेषां कार्या: सन्ति,इत्थं चिन्तयित्वा एतस्य चिन्तनं करोति।

अब नहीं कोई बात खतरे की,
अब सभी को सभी से ख़तरा है।
-जौन एलिया

4-एषा वृद्धावस्था जीवनस्य भार: नो।जीवनस्य स्वर्णिम: सन्ध्या अस्ति।एषा जीवनस्य एकं परिपक्व: फलम्।यस्मिन् ज्ञानस्यपूर्णता अनुभवस्य मधुरता चिन्तनस्य उपयोगिता च जीवनस्य “फैदम”इति😂 भवति।वृद्धावस्था अभिशाप: न वरदानं।

ये जो मिलाते रहते हो तुम हर किसी से हाथ।
ऐसा न हो कि धोना पड़े जिंदगी से हाथ।
-जावेद सवा

5-एतस्मिन् वृद्धावस्थायां एव तु अनेका: जनाः वैज्ञानिक: राजनैतिक: साहित्यिक: आध्यात्मिक: च सफलतां प्राप्त कुर्वन्ति।यया शक्तिहीनं पराधीनं च रोगाणाम् गृहं असहाय: अभिशाप: च चिन्तनं अस्माकं चिन्तनस्य न्यूनता।येन वृद्धावस्था मिति: उचितं न।
अतः उपसंहारे मम सर्वै: विनम्र: निवेदनं यत् वृद्धानां आत्मनं सर्वदा प्रसन्नं पश्यन्ति, नित्यं प्रति तेन आशीर्वाद: प्राप्त करणं स्वभावीजीवनं सुखी-समृद्धशाली निर्माणस्य कृते परं रहस्यम्।

मेहनत से मिल गया जो सफ़ीने के बीच था,
दरिया-ए-इत्र* मेरे पसीने के बीच था।
-अबु तुराब

दरिया-ए-इत्र-सुगन्ध की नदी।

©अभिषेक: पाराशरः

Language: Sanskrit
Tag: Quotation
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