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25 Apr 2022 · 1 min read

🌺🌺मनुष्यस्य ‘जन्म’इत्यस्य ध्येय:🌺🌺

मनुष्यस्य जन्मस्य ध्येय: परमात्मतत्वस्य प्राप्ति:।ध्येयस्य निर्माणं प्रथमवारं अभवत् तथा मनुष्यस्य जन्म: पश्चात् अभवत्।वयं ईश्वरस्य ध्यायन्ति- एतस्य महत्वं।अन्यस्य कस्य महत्वं न।मानव जीवनं मोक्षस्य द्वार:।मनुष्यस्य शरीरे एव जन्म-मरणं प्रारम्भ: अभवत् मनुष्यस्य शरीरे एव समाप्त: भविष्यति।अतः हृदये विचारयन्तु यत् केचित् अपि घटित: भवति ,सम्प्रति मां भगवतः सम्मुखम् एव अनुशरणं करिष्यति।
काम वृत्ति त्याग: बहुवः दुष्कर:।परं विचारयन्तु यत् वयं एतस्मिन् मार्गे न गमिष्यामः तु एषा: वृत्ति सुगमतया त्यजिष्यति।
“ॐ अघोरेभ्यो अथघोरेभ्यो, घोर घोर तरेभ्यः। सर्वेभ्यो सर्व शर्वेभ्यो, नमस्ते अस्तु रूद्ररूपेभ्यः”

रास्ते हैं खुले हुए सारे
फिर भी ये ज़िंदगी रुकी हुई है
-ज़फ़र इक़बाल

©अभिषेक: पाराशरः

Language: Sanskrit
Tag: Quotation
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