Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Nov 2024 · 1 min read

“🌟 A habit missed once is a mistake. A habit missed twice is

“🌟 A habit missed once is a mistake. A habit missed twice is the start of a new habit. Never miss two days in a row. 🌟

Consistency is key! If you slip up one day, don’t let it turn into two. Bounce back, stay committed, and keep pushing forward. 🔥🙌❤️

#Consistency #HabitBuilding

48 Views

You may also like these posts

चले बिना पाँव झूठ कितना,ये बात हम सबको ही पता है
चले बिना पाँव झूठ कितना,ये बात हम सबको ही पता है
Dr Archana Gupta
नारी का बदला स्वरूप
नारी का बदला स्वरूप
विजय कुमार अग्रवाल
बहुत खुश हैं अपनी दुनिया में
बहुत खुश हैं अपनी दुनिया में
डॉ. एकान्त नेगी
पलायन (जर्जर मकानों की व्यथा)
पलायन (जर्जर मकानों की व्यथा)
डॉ नवीन जोशी 'नवल'
‘1857 के विद्रोह’ की नायिका रानी लक्ष्मीबाई
‘1857 के विद्रोह’ की नायिका रानी लक्ष्मीबाई
कवि रमेशराज
कविता- 2- 🌸*बदलाव*🌸
कविता- 2- 🌸*बदलाव*🌸
Mahima shukla
*बे मौत मरता  जा रहा है आदमी*
*बे मौत मरता जा रहा है आदमी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
निष्काम,निर्भाव,निष्क्रिय मौन का जो सिरजन है,
निष्काम,निर्भाव,निष्क्रिय मौन का जो सिरजन है,
ओसमणी साहू 'ओश'
कहने की कोई बात नहीं है
कहने की कोई बात नहीं है
Suryakant Dwivedi
जब सच सामने आता है
जब सच सामने आता है
Ghanshyam Poddar
बारिश
बारिश
Rambali Mishra
बहारों के मौसम में तेरा साथ निभाने चला हूं
बहारों के मौसम में तेरा साथ निभाने चला हूं
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
79king - là nhà cái trực tuyến uy tín hàng đầu Việt Nam
79king - là nhà cái trực tuyến uy tín hàng đầu Việt Nam
79kinglimited
यादों के बादल
यादों के बादल
singh kunwar sarvendra vikram
घटा घनघोर छाई है...
घटा घनघोर छाई है...
डॉ.सीमा अग्रवाल
मनुष्य का उद्देश्य केवल मृत्यु होती हैं
मनुष्य का उद्देश्य केवल मृत्यु होती हैं
शक्ति राव मणि
2650.पूर्णिका
2650.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
नयनों में तुम बस गए, रामलला अभिराम (गीत)
नयनों में तुम बस गए, रामलला अभिराम (गीत)
Ravi Prakash
- कलयुग में ऐसे भाई नही मिलेंगे -
- कलयुग में ऐसे भाई नही मिलेंगे -
bharat gehlot
◆आज की बात◆
◆आज की बात◆
*प्रणय*
कल्पित एक भोर पे आस टिकी थी, जिसकी ओस में तरुण कोपल जीवंत हुए।
कल्पित एक भोर पे आस टिकी थी, जिसकी ओस में तरुण कोपल जीवंत हुए।
Manisha Manjari
समाप्त वर्ष 2023 मे अगर मैने किसी का मन व्यवहार वाणी से किसी
समाप्त वर्ष 2023 मे अगर मैने किसी का मन व्यवहार वाणी से किसी
Ranjeet kumar patre
जिंदगी की किताब
जिंदगी की किताब
Surinder blackpen
काली रजनी
काली रजनी
उमा झा
रोज आते कन्हैया_ मेरे ख्वाब मैं
रोज आते कन्हैया_ मेरे ख्वाब मैं
कृष्णकांत गुर्जर
*अब सब दोस्त, गम छिपाने लगे हैं*
*अब सब दोस्त, गम छिपाने लगे हैं*
shyamacharan kurmi
" तलब "
Dr. Kishan tandon kranti
अड़चन
अड़चन
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
उहे समय बा ।
उहे समय बा ।
Otteri Selvakumar
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
Loading...