?? अब थक सा गया शाहीनबाग ??
?? अब थक सा गया शाहीनबाग ??
देशविरोधी जुबान से,
उगलते-उगलते जहरीला राग,
अब थक सा गया शाहीनबाग ।
भड़के दंगे,हर कोशिश की,
लगाकर जगह-जगह आग,
अब थक सा गया शाहीनबाग ।
संविधान पढ़ा नही-समझा नही,
CAA-NPR पर लगाकर बदनुमा दाग,
अब थक सा गया शाहीनबाग ।
टुकड़े-टुकड़े गैंग जमाकर,
क्षद्मभेषी गद्दारों का देकर सुराग,
अब थक सा गया शाहीनबाग ।
सख़्त इरादे लिये बैठा रहा,
बनाने को नया मजहबी भू-भाग,
अब थक सा गया शाहीनबाग ।
राष्ट्रवाद को झुका देंगे,
दिवा-स्वप्न लिये सब्जबाग,
अब थक सा गया शाहीनबाग ।
फर्जी-ढोंगी सेकुलरवाद का,
बेअदबी से उतार कर नकाब,
अब थक सा गया शाहीनबाग ।
गंगा-जमुनी तहजीबपरस्त,
आंख खोल जाग-जाग-जाग,
अब थक सा गया शाहीनबाग ।
@TheChaand