️तेरी चाहत कभी लौट के ना आएगी… !!
सालो बाद ऐसा मौका पाया है, बीती मोहब्बत फिर लौट आयी है,
उसकी आँखों मे फिर वही नशा है और कहती है कि…
सारे रंजो ग़म भुला के आयी है !
जो दर्द मिले मेरे जाने पे, आह ! भरके बता रही है,
उसकी आँखों से निकले अश्रुधारा , एक भी लफ्ज़ न निकले होठो से !
किस तरह उसके जज्बातों को खुरेद-खुरेद को लोचा है,
किस तरह उसने चाहत मे लोगो से धोखा पाया है, वो सब मुझे बता रही है… !
वो कहती है कि… आज भी तू मेरे ख़्वाबों मे आया करता है,
मैं कह चूका हूं, कोई वास्ता नहीं है तुझसे !
वो फरेबी है ये जानके भी, मेरे इश्क़ की नुमाइश करती है.!
क्यूँ जख्म हरे कर जाती है जो दे गयी थी वो सीने मे..!
क्या बात करुँ उससे कि.. फिर बे-मौत तड़पायेगी,
जान लबों से चूमकर, मुझे फिर से तन्हा कर जाएगी !
मैं पूछता हूं उस वक़्त कहा थी तुम, ज़ब तन्हाई मे रोया करता था,
आँखों से बारिश होती थी, यादो मे खोया रहता था !
तुम कहती हो कि मै ख्वाब हूं तुम्हारी आँखों का,
फिर क्यूँ ओझल किया था तुमने, ज़ब इतना जरुरी था तुमको !
अब गले लगाकर कहती हो, जीना है तेरे ही लिए,
कहो उस वक़्त कहा थी, ज़ब तानो के तीर मेरी रूह चीरा करते थे,
और आज मलहम की खातिर.. तू मेरे होंठ चूमा करती है !
मुझे यकीन है खुद पर, कि.. प्यार न होगा फिर तुझसे,
चाहे जितनी कोशिश कर, ना जीत पायेगी फिर मुझसे.!
तू कर ले चाहे कोई जतन, ना करुगा मैं उस पर मनन,
तूने क़त्ल किया मेरे भरोसे का, जो फिर न मेहरबान होगा !
तू तड़प रही जिस ख्वाहिश को… वो मुझसे ना पूरी हो पायेगी,
दिल की खोट ना जाने मेरा मन,
पर तेरी चाहत कभी लौट के ना आयेगी.. !!*!!