【10】 ** खिलौने बच्चों का संसार **
रंग बिरंगे खेल खिलौने,
सबके मन को भाते हैं
देखे खिलौने रंग-बिरंगे,
सब बच्चे इतराते हैं
घर के खिलौने हुए पुराने,
वे सब को समझाते हैं
नए खिलौने लेने को,
छड भरे में रूठ दिखाते हैं
दादा, दादी, पापा, मम्मी,
सबको हुक्म सुनाते हैं
नए खिलौने लाने हमको,
पुराने फेंक बताते हैं
मेले पहुँचते ही बच्चों को,
महंगे खिलौने भाते हैं
कोई खरीदे घोड़ा – हाथी,
कोई चोर – सिपाही लाते हैं
भूख लगी जो मेले में,
भरपेट जलेबी खाते हैं
खेल – खिलौने और मिठाई,
डिब्बे भर घर लाते हैं
उछल – कूद कर खुशी के मारे,
फूले नहीं समाते हैं
Arise DGRJ {Khaimsingh Saini }
( M.A, B.Ed from University of Rajasthan )
Mob. – 9266034599