Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Mar 2019 · 1 min read

【19】 मधुमक्खी

सुबह हुई जब निकला सूरज, किरणें फैली धरती पर
दूर हुआ अंधकार धरा का, सबके मन का मिट गया डर
सुबह हुई जब…………
{1} अपने छत्ते से मधुमक्खी, निकल पड़ी है अपनी डगर
इधर उधर वह फूल तरासे, वही घूमते कुछ मधुकर
फूल खिले हैं ताजे – ताजे, मधुरानी बैठे उन पर
पुष्पों का मधु ले निज मुख में, लेकर चली वह अपने घर
सुबह हुई जब………..
{2} मधुरानी प्रसन्न हुई, मधु को मधु कोषों में भर कर
मीठा अमृत जैसा मधुरस, सबको ही होता हितकर
नाना प्रकार की औषधियाँ, बनती हैं मधुरस से जमकर
घातक रोग भी ठीक करे, मधुकर होता बीमारी हर
सुबह हुई जब………..
{3} मेरी विनती मानव से, ना ढा़ओ कहर मधुमक्खी पर
मधुमक्खी जो उजड़ी, उजड़ेंगे तेरे मेरे भी घर
घर से बेघर करो ना उसको, क्यों बनते हो तुम बर्बर
भला करे वह सब जग का, क्यों लगता है हमको भले से डर
सुबह हुई जब………..
सीखः- हमें प्रकृति के किसी जीव के साथ बुरा आचरण नहीं करना चाहिए।
Arise DGRJ { Khaimsingh Saini }
M.A, B.Ed from University of Rajasthan
Mob. – 9266034599

Language: Hindi
6 Likes · 1765 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"मौका मिले तो"
Dr. Kishan tandon kranti
"अपनी शक्तियों का संचय जीवन निर्माण की सही दिशा में और स्वतं
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
*दिल का आदाब ले जाना*
*दिल का आदाब ले जाना*
sudhir kumar
* बातें व्यर्थ की *
* बातें व्यर्थ की *
surenderpal vaidya
क्या  होता  है  नजराना  तुम क्या जानो।
क्या होता है नजराना तुम क्या जानो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
डॉ अरुण कुमार शास्त्री -
डॉ अरुण कुमार शास्त्री -
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बुढ़ापा
बुढ़ापा
Neeraj Agarwal
ज़िन्दगी थोड़ी भी है और ज्यादा भी ,,
ज़िन्दगी थोड़ी भी है और ज्यादा भी ,,
Neelofar Khan
तेरे चेहरे को जब भी देखा है मुझको एक राज़ नज़र आया है।
तेरे चेहरे को जब भी देखा है मुझको एक राज़ नज़र आया है।
Phool gufran
एक ऐसा दृश्य जो दिल को दर्द से भर दे और आंखों को आंसुओं से।
एक ऐसा दृश्य जो दिल को दर्द से भर दे और आंखों को आंसुओं से।
Rekha khichi
बड़े बुजुर्गों ,माता पिता का सम्मान ,
बड़े बुजुर्गों ,माता पिता का सम्मान ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
लोग होंगे दीवाने तेरे रूप के
लोग होंगे दीवाने तेरे रूप के
gurudeenverma198
*नल से जल की योजना, फैले इतनी दूर (कुंडलिया)*
*नल से जल की योजना, फैले इतनी दूर (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
हाथों में हैं चूड़ियाँ,
हाथों में हैं चूड़ियाँ,
Aruna Dogra Sharma
*निंदिया कुछ ऐसी तू घुट्टी पिला जा*-लोरी
*निंदिया कुछ ऐसी तू घुट्टी पिला जा*-लोरी
Poonam Matia
As I grow up I realized that life will test you so many time
As I grow up I realized that life will test you so many time
पूर्वार्थ
Chào mừng bạn đến với Debet, nhà cái hàng đầu tại Việt Nam,
Chào mừng bạn đến với Debet, nhà cái hàng đầu tại Việt Nam,
debetcomputer
जिस की दुराग्रही खोपड़ी में बदले की विष-बेल लहलहा रही हो, वहा
जिस की दुराग्रही खोपड़ी में बदले की विष-बेल लहलहा रही हो, वहा
*प्रणय*
तेरे होने से ही तो घर, घर है
तेरे होने से ही तो घर, घर है
Dr Archana Gupta
तुम्हे वक्त बदलना है,
तुम्हे वक्त बदलना है,
Neelam
रमेशराज की पेड़ विषयक मुक्तछंद कविताएँ
रमेशराज की पेड़ विषयक मुक्तछंद कविताएँ
कवि रमेशराज
3335.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3335.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
नज़र भर देखने के लिए चेहरा छिपाना पड़ता है,
नज़र भर देखने के लिए चेहरा छिपाना पड़ता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"" *एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य* "" ( *वसुधैव कुटुंबकम्* )
सुनीलानंद महंत
जी तो चाहता है
जी तो चाहता है
हिमांशु Kulshrestha
What if...
What if...
R. H. SRIDEVI
अच्छे दिनों की आस में,
अच्छे दिनों की आस में,
Befikr Lafz
रामदीन की शादी
रामदीन की शादी
Satish Srijan
विडंबना
विडंबना
Shyam Sundar Subramanian
Dard-e-madhushala
Dard-e-madhushala
Tushar Jagawat
Loading...