【12】 **” तितली की उड़ान “**
तितली उड़ी उड़ के चली, तितली ढूंढे फूलों की गली
फूलों की गली जब उसे ना मिली, तितली ने देखी एक नई कली
{1} तितली उड़ कर कली से मिली, कली से तितली यू बोली
क्यों री करली तू क्यों खिली, कली ने कहा मुझे धूप ना मिली
तितली कहे क्यों धूप ना मिली, कली कहे मैं तरू छाँव में पली
तितली उड़ी …………..
{2} आगे बढ़ तितली फूलों से मिली, फूलों ने कहा तितली कहाँ को चली
तितली कहे मुझे भूख है लगी, फूलों ने कहा तेरी बात है भली
फूलों से पूंछ तितली रस पी ली, फूलों से कहे तितली राजा बलि
तितली उड़ी ………….
{3} रस पी तितली आगे बढ़ी, आगे बढ़ तितली हरियाली से मिली
हरियाली की चादर ओढे़ घास हरी, घास से तितली मुँह खोली
घास तेरी शोभा ओस कणों से बढ़ी, लगे घास सबको मनकी भली
तितली उड़ी ………….
Arise DGRJ [ Khaimsingh Sain ]
M.A, B.Ed from Rajasthan University
Mob. – 9266034599