【1】*” नटखट चूहा “*
एक चूहा था बड़ा ही नटखट,
नाम था उसका नटखट लाल
श्याम – सुबह करता शैतानी,
रोज बदलती उसकी चाल
यहाँ – वहाँ छुप दौड़ लगाता,
मचा रखा है बड़ा बवाल
पास पड़ौसी ढूंढ रहे हैं,
कहते खीचें उसकी खाल
गेहूँ ,चने के बोरे कांटे,
कई बिगाड़ी घर की दाल
बनाके कई चूहों की टोली,
राजा बन गया नटखट लाल
चूँ चूँ चीं चीं सारे करते,
गाना गायें मिलाके ताल
लकड़ी कपड़े काट गिराए,
चढ़ रस्सी पर करे कमाल
परेशान हुए रामू भैया,
शहर से पिंजरा लाए लाल
चाखी नीचे लगाया पिंजरा,
पिंजरे में फंसे नटखट लाल
बाहर निकलने को छट – पटाए,
निकल ना पाए नटखट लाल