Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Nov 2020 · 1 min read

*~~【【◆अधूरी मोहब्बत◆】】~~*

~~【【◆अधूरी मोहब्बत◆】】~~

*तन्हाई और जुदाई का भी अजीब नज़ारा है,
बिना किनारों के बहती आँसुओं की धारा है.*

*तबाही सा आलम होता है दिल का, जिस्म पर
रूह का बजन बहुत भारा है।*

*सन्नाटा सा रहता है मुस्कान पे हर वक़्त, क़त्ल
जैसे हुआ एक गुलिस्तान सारा है।*

*आवाज़ दब जाती है मुँह से निकलने से पहले,
जैसे किसी ने मोहब्बत को गला दबा के मारा है।*

*शोर नही होता बर्दाश्त कोई,एक तिनके सी आहट
से भी खुल जाता बेरहम यादों का पिटारा है।*

*बिखरा बिखरा सा रहता है खयालों में सब,चेहरे
को तो बस उदासी का सहारा है।*

*समझाने की कोशिश करें भी तो करें कैसे,ये
धड़कन भी आवारा ये दर्द भी आवारा है।*

*लूट ले जाये अधूरी मोहब्बत जिस आशिक़ को
अमन,वो खुद से भी हारा तक़दीर से भी हारा है।*

Language: Hindi
6 Likes · 1 Comment · 1332 Views

You may also like these posts

बसंत
बसंत
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
प्यार करने वाले
प्यार करने वाले
Pratibha Pandey
।।
।।
*प्रणय*
*
*"हरियाली तीज"*
Shashi kala vyas
मज़हब ही है सिखाता आपस में वैर रखना
मज़हब ही है सिखाता आपस में वैर रखना
Shekhar Chandra Mitra
Bundeli doha
Bundeli doha
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
सुन्दरता
सुन्दरता
Rambali Mishra
वेलेंटाइन डे शारीरिक संबंध बनाने की एक पूर्व नियोजित तिथि है
वेलेंटाइन डे शारीरिक संबंध बनाने की एक पूर्व नियोजित तिथि है
Rj Anand Prajapati
अपने किरदार में
अपने किरदार में
Dr fauzia Naseem shad
दिल की बातें
दिल की बातें
Minal Aggarwal
गीता ज्ञान
गीता ज्ञान
Dr.Priya Soni Khare
जो लोग टूट जाते हैं किसी से दिल लगाने से,
जो लोग टूट जाते हैं किसी से दिल लगाने से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
3418⚘ *पूर्णिका* ⚘
3418⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
आह्वान
आह्वान
Shyam Sundar Subramanian
गीत- बहुत भोली बड़ी कमसिन...
गीत- बहुत भोली बड़ी कमसिन...
आर.एस. 'प्रीतम'
2. *मेरी-इच्छा*
2. *मेरी-इच्छा*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
जब काँटों में फूल उगा देखा
जब काँटों में फूल उगा देखा
VINOD CHAUHAN
एक दूसरे को समझो,
एक दूसरे को समझो,
Ajit Kumar "Karn"
शुद्ध हिंदी माध्यम से पढ़े एक विज्ञान के विद्यार्थी का प्रेमप
शुद्ध हिंदी माध्यम से पढ़े एक विज्ञान के विद्यार्थी का प्रेमप
पूर्वार्थ
चेहरे के पीछे चेहरा और उस चेहरे पर भी नकाब है।
चेहरे के पीछे चेहरा और उस चेहरे पर भी नकाब है।
सिद्धार्थ गोरखपुरी
"क्रन्दन"
Dr. Kishan tandon kranti
तुम्हीं सुनोगी कोई सुनता नहीं है
तुम्हीं सुनोगी कोई सुनता नहीं है
DrLakshman Jha Parimal
कुछ तो लोग कहेंगे !
कुछ तो लोग कहेंगे !
Roopali Sharma
तेरे हम है
तेरे हम है
Dinesh Kumar Gangwar
*सूने घर में बूढ़े-बुढ़िया, खिसियाकर रह जाते हैं (हिंदी गजल/
*सूने घर में बूढ़े-बुढ़िया, खिसियाकर रह जाते हैं (हिंदी गजल/
Ravi Prakash
कभी सोचता हूँ मैं
कभी सोचता हूँ मैं
gurudeenverma198
यूँ धीरे-धीरे दूर सब होते चले गये।
यूँ धीरे-धीरे दूर सब होते चले गये।
लक्ष्मी सिंह
वेला
वेला
Sangeeta Beniwal
इंसानियत
इंसानियत
अशोक कुमार ढोरिया
भेद नहीं ये प्रकृति करती
भेद नहीं ये प्रकृति करती
Buddha Prakash
Loading...