【【{{{{शहद}}}}】】
कसमों वादों पर हम यकीन नही करते,
आशिक़ है हम किसी हसीना को गमगीन
नही करते।
हम तेरी ही अदा के दीवाने है,राह चलती
हसीना पर हम तबियत रंगीन नही करते.
शहद रखते हैं जुबान पर अपनी, बिना बात
किसी की तौहीन नही करते।
छूपा के रखे हैं हमने भी कई राज मोहब्बत के,
अपने ही महबूब को सरेआम तमाशबीन नही करते।