【【{{{{पानी}}}}】】
??((((((((((पानी))))))))))??
मुस्कराती ज़िन्दगी पानी बन गयी,
टूटी सब उम्मीदें एक तरफा प्यार की
कहानी बन गई.
बढ़ना चाहा था जिन रास्तों पर
उसका हाथ पकड़कर,
वही रास्तों की रेत तूफानी बन गई.
ढूंढने निकला था खुद को उसके घर के आगे,
वो सामने से निकली और उसकी नज़र अनजानी
बन गई.
हर अपना गैर बन सताता रहा,,
जिस मोहब्बत को चाहा वो भी
किसी ओर की दीवानी बन गई.
उसका भी क्या कसूर था,,
मेरी जवानी ही एक तरफा प्यार
की नादानी बन गई.
जिस्मों के खेल की है चंद दिनों की मोहब्बत,
की या ना की मोहब्बत,अब तो तड़प की
गुलामी बन गई.
किस्से तमाम होते गए नाकामियों के,,
तन्हाईयों की ठोकर जानी पहचानी बन गई.
सर्द रातों की ठंडक भी भूल बैठा,
बेवफ़ाई जब इल्जाम मयखानी बन गई.
तलाशता रहा अपना ही वजूद ज़िन्दगी भर,
उम्र गुजरी तो महफ़िल नाकामी बन गई.
हर दर्द यहां जलती लकीर है,
जब भी पार किया जिस्म जलती
निशानी बन गई.
हो गया क़लम से प्यार अब इस कदर,
अमन को जरूरी प्रीत निभानी बन गई.
हम भी शायरों में होना चाहते है शहीद,
ऐसी खुद से ही ताना तानी बन गई.
होजाये तालीम हमको भी ईबादत की,
ऐसी रूह खुदा की मेहरबानी बन गई।