【मेरी दिली उनझन से】
【मेरी दिली उनझन से】
अब तो मुझे जीने दो चैनों अमन से,,
बहुत सताय मुझे तुमने नैनो दमन से,,
जिंदगी बेज़ार न करो मेरी तड़पन से,,
आओ मिलो मेरी दिली उलझन से,,
शातिर जमाना है खेलता धड़कन से,,
उसको मतलब पूर्ति उसके सपन से,,
बस यूं ही खेलते है वो सब दिलन से,,
उसे परहेज है शायद रूबरू मिलन से,,
पता न इतना भी दूर जायेगा जहन से,,
मनु कहना इश्क़ होगा अब कफन से,,
मानक लाल मनु