❄ये जो साल नया❄
❄साल नया❄
नित नूतन उत्कर्ष नया,
ये साल नया लेकर आये।।
नाम काम और साम दाम,
हर दिल में तुम्हारा छा जाये।।
खुशियो की बहार आये दर पे,
गम की परछाई,हट जाये।।
है दुःख जीवन का अटल सत्य,
पर ये सुख की बेल से पट जाये।।
दुरी हो तुम्हे या मज़बूरी हो,
इस नए साल में कट जाये।।
ये मनु माँगता बस इतना,
मेरे अपने जो देखे सपने,
हकीकत में वो सब घट जाये।।
✍�मानक लाल मनु✒