✴️⛅बादल में भी देखा तुम्हें आज⛅✴️
##वैधव्य##
बादल में भी देखा तुम्हें आज,
बादल में भी देखा तुम्हें आज,
दरिया सूख जाएगा दिल का,
कभी याद आख़िरी होगी,
कभी साँस आख़िरी होगी,
साथ चले जायेंगे सभी राज,
बादल में भी देखा तुम्हें आज।।1।।
रोशनी भी तुम तीरगी भी तुम,
डुबोना भी तुम सहारा भी तुम,
कैफ़ियत न समझी मेरी दिल की,
शायद तुम्हें मैं लगा रंगबाज़,
बादल में भी देखा तुम्हें आज।।2।।
तितलियों ने कहा बहुत खूब हैं वो,
‘छोड़ो सभी बातें’मासूम ही हैं वो,
दिल की तिजोरी हुई खाली,
बज न पायेगा कोई नया साज,
बादल में भी देखा तुम्हें आज।।3।।
कभी गिरना कभी संभलना हुआ,
दूर तक तेरे बग़ैर चलना हुआ,
वक़्त से तुम भी लड़े, हम भी लडें,
अब ये दुनिया शोरगुल है तेरे बग़ैर,
डूबेगा आख़िर में सभी की जिन्दगी का जहाज़,
बादल में भी देखा तुम्हें आज।।4।।
©®अभिषेक पाराशर