✍️🌷तुम हक़ीक़त हो, अब फ़साना न बनो🌷✍️
तुम हक़ीक़त हो, अब फ़साना न बनो।
तुम हक़ीक़त हो,अब फ़साना न बनो।
बहुत दूर खड़े रहकर मुस्कुराते रहना,
कुछ बचे इज़हार को फिर जताते रहना,
दूर रहकर भी, पास नज़र आते बनो,
तुम हक़ीक़त हो, अब फ़साना न बनो।।1।।
कुछ तसव्वुर जरूर है,तुझमें,मेरा भी,
तराना गुनगुना रहा है,तुझमें,मेरा भी,
तुम ऐसे ही मज़ाक से सताते रहना,
तुम ऐसे ही हसीं खुद को बनाते रहो,
तुम हक़ीक़त हो, अब फ़साना न बनो।।2।।
अब कोई चाह नहीं, तुम बस दिखाई दो,
तुम्हें सुना है हर पल, तुम फिर सुनाई दो,
आँसू का बड़ा हिस्सा,तुम बचाते रहना,
‘रूठना फिर मनाना’,कभी इज़हार करो,
तुम हक़ीक़त हो, अब फ़साना न बनो।।3।।
©®अभिषेक पाराशर
#ऐसे ही बनते रहेंगे,आपके लिए#
#बदल दिया ख़ुद को, आपके लिए#