✍️✍️जूनून में आग✍️✍️
✍️✍️जूनून में आग✍️✍️
………………………………………………………//
मांगना है तो ऐसे मांगो
कोई ख्वाईश ही रहे ना बाकी
देना है तो ऐसे दो
कोई गुंजाईश ही बचे ना बाकी
ऐसे चाह भर दो
फिर कोई राह भी रहे ना बाकी
ऐसे प्यास जगा दो
कोई समंदर भी बचे ना बाकी
ऐसे बाहे फैला दो
के आसमान भी रहे ना बाकी
ऐसे ख़्वाब दिल में उठा दो
फ़लक के सितारे भी बचे ना बाकी
ऐसे इश्क़ में खुद को तड़पा दो
कोई चाँद की हसरत रहे ना बाकी
ऐसे जूनून में आग लगा दो
फिर कोई आफ़ताब ही बचे ना बाकी
………………………………………………………//
✍️”अशांत”शेखर✍️
26/06/2022