✍️रंग बदलती जिंदगी
मुझे यहाँ का हर मौसम पतझड़ सा ही मिला
याद नहीं मैं किस मौसम में बहारो सा खिला
न जाड़ो से ना कभी धुप से कोई शिकवा रहा
रंग बदलती जिंदगी से भी ना रखा कोई गिला
…………………………………………………………//
©✍️’अशांत’ शेखर
24/09/2022
मुझे यहाँ का हर मौसम पतझड़ सा ही मिला
याद नहीं मैं किस मौसम में बहारो सा खिला
न जाड़ो से ना कभी धुप से कोई शिकवा रहा
रंग बदलती जिंदगी से भी ना रखा कोई गिला
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©✍️’अशांत’ शेखर
24/09/2022