✍️बस हम मजदुर है
हम अच्छे बुरे वक़्त के सब यहाँ गुलाम है
हर किरदारो के साँचे में ढलने पर मजबूर है
ठेकेदार सी ये जिंदगी उसे कौन मना करे..!
उम्र के बोझ को ढोनेवाले बस हम मजदुर है
……………………………………………………………//
©✍️’अशांत’ शेखर
23/09/2022
हम अच्छे बुरे वक़्त के सब यहाँ गुलाम है
हर किरदारो के साँचे में ढलने पर मजबूर है
ठेकेदार सी ये जिंदगी उसे कौन मना करे..!
उम्र के बोझ को ढोनेवाले बस हम मजदुर है
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©✍️’अशांत’ शेखर
23/09/2022