✍️फिर बच्चे बन जाते ✍️
काश की हम फिर बच्चे बन जाते,
निश्चिंत होकर आसमान मे पंख फैलाते,
पापा के साथ फिर सैर पर जाते,
माँ की गोद में सुकून की नींद पाते,
काश की हम फिर बच्चे बन जाते।
✍️वैष्णवी गुप्ता
कौशांबी
काश की हम फिर बच्चे बन जाते,
निश्चिंत होकर आसमान मे पंख फैलाते,
पापा के साथ फिर सैर पर जाते,
माँ की गोद में सुकून की नींद पाते,
काश की हम फिर बच्चे बन जाते।
✍️वैष्णवी गुप्ता
कौशांबी