✍️दोगले चेहरे ✍️
चलना है तो तुझे अपने ही पैरों से,
फिर सहारा क्यों चाहे तू गैरों से,
झूठे मिलते बहुत सच के चेहरे लिए,
बच के रहना ज़रा दोगले चेहरों से।
✍️वैष्णवी गुप्ता (vaishu)
कौशांबी
चलना है तो तुझे अपने ही पैरों से,
फिर सहारा क्यों चाहे तू गैरों से,
झूठे मिलते बहुत सच के चेहरे लिए,
बच के रहना ज़रा दोगले चेहरों से।
✍️वैष्णवी गुप्ता (vaishu)
कौशांबी