✍️दर्द दिल में……. ✍️
दर्द दिल में छुपा के क्यों बैठे हो तुम,
आके हमसे बता दो तुम्हारे है हम,
कोई शिकवा हो दिल में या शिकायत हो हमसे,
जो हो मर्ज़ी सज़ा दो तुम्हारे है हम,
बड़ी गुमनाम गलियाँ है तेरे दिल की,
अपने दिल का पता दो तुम्हारे है हम,
ज्यादा कुछ मैं नही मांगती हुँ तुमसे,
थोड़ी दिल में जगह दो तुम्हारे है हम,
प्यार है तेरे दिल में ये मालूम है,
पर ज़रा तो जता दो तुम्हारे है हम।
✍️वैष्णवी गुप्ता (vaishu)
कौशांबी