✍️तर्कहीन आभासी अवास्तविक अवतारवादी कल्पनाओ के आधार पर..
मैं मान भी लेता
तुम्हारी पुरातन
किताबो की
काली सियाही
से लिखी आदर्श
कहानियां किस्से और
कुछ तथ्यहीन बातें..
मगर वो मुझे
भूतकाल के
स्याह इतिहास में
सफेद झूठ की तरह
ही लगती है
पूर्णतः दिशाहीन..
वो बरगलाते रहती है
इंसान के स्थायी
वर्तमान को..
और चाँद सितारों के
हकीकत में छूनेवाली
पीढ़ीयो के उज्ज्वल
भविष्य को..
तर्कहीन आभासी
अवास्तविक अवतारवादी
कल्पनाओ के आधार पर…!
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©✍️’अशांत’ शेखर
26/10/2022