✍️जुस्तजू आसमाँ की..✍️
✍️जुस्तजू आसमाँ की..✍️
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जब भी जिंदगी ने बुरे समय की ताबीर बदली
न जाने क्यूँ हाथो से किस्मत की लकीर बदली
अब आईने पे भी मुझे कतई यक़ीन रहा नहीं
उसने तो हर दफ़ा मेरे चेहरे की तस्वीर बदली
जब जब आँखों में हसींन ख़्वाब निखरने लगे
जाने क्यूँ मेरी नींद ने अलग सी तदबीर बदली
मैं वो शख्स था जिससे हर ख्वाइश कतरा गयी
मैं वो शख्स हूँ जिसने ना अपनी तक़दीर बदली
‘अशांत’हमें भी अपने सर जुस्तजू आसमाँ की..
पर इन पत्थरो की बुनियाद ने ही तामीर बदली
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©✍️’अशांत’शेखर✍️
08/08/2022