✍️करम✍️
✍️करम✍️
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मेरे ख़्वाबो का कोई ख़रीदार रहा नहीं
उसे हासिल होने का शौक भी रहा नहीं
सोच रहा हूं कुछ अरमां मौत को बेच दूँ
कम्बख़्त उसका भी करम हम पे रहा नहीं
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✍️”अशांत”शेखर✍️
24/07/2022
✍️करम✍️
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मेरे ख़्वाबो का कोई ख़रीदार रहा नहीं
उसे हासिल होने का शौक भी रहा नहीं
सोच रहा हूं कुछ अरमां मौत को बेच दूँ
कम्बख़्त उसका भी करम हम पे रहा नहीं
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✍️”अशांत”शेखर✍️
24/07/2022