✍️और शिद्दते बढ़ गयी है…
कुछ मुद्दते
गुजर गयी है
पहचानी राहों
से मिले हुये..!
और शिद्दते
बढ़ गयी है
अंजान मंझिलो
से मिलने की..!
…………………………………//
✍️’अशांत’ शेखर
14/10/2022
कुछ मुद्दते
गुजर गयी है
पहचानी राहों
से मिले हुये..!
और शिद्दते
बढ़ गयी है
अंजान मंझिलो
से मिलने की..!
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✍️’अशांत’ शेखर
14/10/2022