✍️उत्सव और मातम…
उत्सव जित का
मनाया जाता है…
उत्सव हार का भी
मनाया जाता है…
मातम हार का
मनाया जाता है…
मातम जित का भी
मनाया जाता है…
सिर्फ हार और जित
तय होना जरुरी है…
किसी की हार
किसी के जितने का
उत्सव होती है…
किसी की जित
किसी के हारने का
मातम होती है…
मगर हार और जित
इँसा के अभिव्यक्ति
के लिए उत्सव और मातम
से भी बेहद दर्दनाक होती है…!
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©✍️’अशांत’ शेखर
16/10/2022