✍️इंतजार में सावन की घड़ियां✍️
✍️इंतजार में सावन की घड़ियां✍️
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लाख निकाल तू मेरे हुनर में खामियां
मेरे इश्क़ की ना गिन पाओगी खूबियां
दिल ने दिल से दिल को बेशक़्ल चाहा
चाँद की सूरत में भी देखी कुछ कमियां
कुछ हमारे सादगी का भी लिहाज़ करो
मोहब्बत में हूँ तेरी ना जता मजबूरियां
प्यार के बुखार का ना ये कोई मौसम है
जिस्म तपा तपा है साँसों में भी गर्मियां
कुछ सितारों के चाँद से अतरंगी वादे है
तेरे लिए उगाई है ज़मी पे सारी खुशियां
चले आओ तुम अबके हलकी बारिश में
बीतेना कही इंतजार में सावन की घड़ियां
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©✍️”अशांत”शेखर✍️
27/07/2022