✍️आईने ने कहा ✍️
आज आईने ने बड़ा रूठकर झुंझलाकर कहा,
युँ नम आँखें चेहरे पर उदासी लिए मेरे सामने ना आया करो,
कहाँ गयी वो रौनक जो मुझपर चार चाँद लगाती थी,
बस एक अहसान कर दो जब भी मिलो सिर्फ मुस्कुराया करो।
✍️वैष्णवी गुप्ता
कौशांबी
आज आईने ने बड़ा रूठकर झुंझलाकर कहा,
युँ नम आँखें चेहरे पर उदासी लिए मेरे सामने ना आया करो,
कहाँ गयी वो रौनक जो मुझपर चार चाँद लगाती थी,
बस एक अहसान कर दो जब भी मिलो सिर्फ मुस्कुराया करो।
✍️वैष्णवी गुप्ता
कौशांबी