✍️अरमानों की ख्वाईश
उजालो का सूरज ढल जाने से क्या होता है
बस वो एक रात ही तो तन्हा खामोश होती है
नींद का एक ख़्वाब टूट जाने से क्या होता है
आँखों में हजारो अरमानों की ख्वाईश होती है
……………………………………………………………//
©✍️’अशांत’ शेखर
29/09/2022
उजालो का सूरज ढल जाने से क्या होता है
बस वो एक रात ही तो तन्हा खामोश होती है
नींद का एक ख़्वाब टूट जाने से क्या होता है
आँखों में हजारो अरमानों की ख्वाईश होती है
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©✍️’अशांत’ शेखर
29/09/2022