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6 Jul 2024 · 1 min read

♥️ दिल की गलियाँ इतनी तंग हो चुकी है की इसमे कोई ख्वाइशों के

♥️ दिल की गलियाँ इतनी तंग हो चुकी है की इसमे कोई ख्वाइशों के आने की अब गुन्जाईश बची ही नही है 🌈इन्द्र धनुष को देख कर मन सतरंगी होना चाहता है लेकिन🌞सूरज की गर्मी से सारे रंग पिघलते जा रहे है ।।⛈बरसात आती है लेकिन मन को सुकून नही है ।⚙🔩🔧 शायद आत्मा को मरम्मत की जरुरत हैं ।और मुझे 🙋‍♂️असीम शान्ति की।जरुरत है एक ठहराव की जरुरत है ।

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