♥️ दिल की गलियाँ इतनी तंग हो चुकी है की इसमे कोई ख्वाइशों के
♥️ दिल की गलियाँ इतनी तंग हो चुकी है की इसमे कोई ख्वाइशों के आने की अब गुन्जाईश बची ही नही है 🌈इन्द्र धनुष को देख कर मन सतरंगी होना चाहता है लेकिन🌞सूरज की गर्मी से सारे रंग पिघलते जा रहे है ।।⛈बरसात आती है लेकिन मन को सुकून नही है ।⚙🔩🔧 शायद आत्मा को मरम्मत की जरुरत हैं ।और मुझे 🙋♂️असीम शान्ति की।जरुरत है एक ठहराव की जरुरत है ।