[[★ मिला जो भी मुझको गँवाना पड़ा हैं ★]]
मिला जो भी मुझको गँवाना पड़ा हैं
यही बात सब को सुनाना पड़ा हैं
गमे ज़िन्दगी का भुलाने के खातिर
हमे आज फिर मुस्कुराना पड़ा है
तुम्हारी ख़ुशी देखकर के यहाँ पर
हमे अपना गम भूल जाना पड़ा है
सभी से छुपा कर रखा जो हमेशा
वही राज सबको बताना पड़ा है
करम है ख़ुदा का की अब तक हूँ रोशन
दिया इसलिए ये बुझाना पड़ा है
नितिन शर्मा