Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Mar 2023 · 1 min read

★रात की बात★

काट लेते हैं अब तस्वीरों से रातें अपनी। अब हम किसी से बात नहीं करते ।अब हम निकलते हैं काली रात में घर से बाहर । अब हम अपनों से मुलाकात नहीं करते। अब हम किसी से सवालात नहीं करते बात नहीं करते।।
★IPS KAMAL THAKUR ★

1 Like · 252 Views

You may also like these posts

खुद से प्यार कर
खुद से प्यार कर
Deepali Kalra
जब फैसला लिया तुमने
जब फैसला लिया तुमने
हिमांशु Kulshrestha
Republic Day
Republic Day
Tushar Jagawat
कृष्ण में अभिव्यक्ति है शक्ति की भक्ति की
कृष्ण में अभिव्यक्ति है शक्ति की भक्ति की
AJAY AMITABH SUMAN
सच्चाई सब जानते, बोलें फिर भी झूठ।
सच्चाई सब जानते, बोलें फिर भी झूठ।
डॉ.सीमा अग्रवाल
मंद बुद्धि इंसान
मंद बुद्धि इंसान
RAMESH SHARMA
हर उम्र है
हर उम्र है
Manoj Shrivastava
*मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह जी से 'मुरादाबाद मंडलीय गजेटिय
*मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह जी से 'मुरादाबाद मंडलीय गजेटिय
Ravi Prakash
दौलत से सिर्फ
दौलत से सिर्फ"सुविधाएं"मिलती है
नेताम आर सी
सोशल मीडिया
सोशल मीडिया
Pankaj Bindas
🥀✍ *अज्ञानी की*🥀
🥀✍ *अज्ञानी की*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
जिन्दगी एक दौड
जिन्दगी एक दौड
Ashwini sharma
अंधेरी रात
अंधेरी रात
Shekhar Chandra Mitra
नतीजों को सलाम
नतीजों को सलाम
Sunil Maheshwari
नारी का क्रोध
नारी का क्रोध
लक्ष्मी सिंह
मैं हूँ ना, हताश तू होना नहीं
मैं हूँ ना, हताश तू होना नहीं
gurudeenverma198
कुछ दर्द झलकते आँखों में,
कुछ दर्द झलकते आँखों में,
Neelam Sharma
हे, वंशीधर! हे, त्रिपुरारी !!
हे, वंशीधर! हे, त्रिपुरारी !!
अमित कुमार
संवेदना मनुष्यता की जान है।
संवेदना मनुष्यता की जान है।
Krishna Manshi
अध्यापक:द कुम्भकार
अध्यापक:द कुम्भकार
Satish Srijan
শিবের গান
শিবের গান
Arghyadeep Chakraborty
"समय क़िस्मत कभी भगवान को तुम दोष मत देना
आर.एस. 'प्रीतम'
सुहाता बहुत
सुहाता बहुत
surenderpal vaidya
भौतिक युग की सम्पदा,
भौतिक युग की सम्पदा,
sushil sarna
मुसलसल छोड़ देता हूं
मुसलसल छोड़ देता हूं
पूर्वार्थ
नाव
नाव
विजय कुमार नामदेव
दुनिया में भारत अकेला ऐसा देश है जो पत्थर में प्राण प्रतिष्ठ
दुनिया में भारत अकेला ऐसा देश है जो पत्थर में प्राण प्रतिष्ठ
Anand Kumar
■ आज की सलाह। धूर्तों के लिए।।
■ आज की सलाह। धूर्तों के लिए।।
*प्रणय*
थी हवा ख़ुश्क पर नहीं सूखे - संदीप ठाकुर
थी हवा ख़ुश्क पर नहीं सूखे - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
#हार गए हम जीवनखेला
#हार गए हम जीवनखेला
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
Loading...