★तक़दीर ★
तकदीर में लिखा है क्या क्या। शाय़द ये तो मुझे पता नहीं। की है आपसे दोस्ती मैंने । की तो कोई खता नहीं। की दोस्त ही है सबसे बड़ा । शायद दोस्ती से बड़ा और कोई रिश्ता नहीं। तकदीर में लिखा है ।क्या क्या शायद ये तो मुझे पता नहीं। कि उड़ जाऊं गगन में । मगर शायद मैं कोई परिंदा नहीं। और क्या लिखूं दोस्ती के बारे में । दोस्ती से पवित्र और कोई रिश्ता नहीं। और क्या सजा दोगे मुझे। शायद मौत से बड़ी तो कोई सजा नहीं । तकदीर में लिखा है क्या क्या शायद ये तो मुझे पता नहीं। और लक्ष्य से हो बढ़कर कोई मेरे लिए शायद ऐसा तो कोई बना नहीं । और बिना लक्ष्य के जो जीवन जिया शायद वो जिया नहीं। जिंदगी एक समंदर है मेरे भाई शायद कोई दरिया नहीं। तकदीर में लिखा है क्या-क्या शायद ये तो मुझे पता नहीं।।
★IPS KAMAL THAKUR ★