★उसकी यादों का साया★
तू हंसी तो मैं हंसा तू रोई तो मैं रोया। तेरे वास्ते मैंने ना जाने क्या-क्या खोया। तू रुठी तो मैं मनाया । तेरे वास्ते अपनों को गैर बताया ।तेरी खातिर मैं दुनिया की हर चीज लाया। तेरे जिस्म को दिया मैंने अपना साया ।पैर तेरे दुखे तो मैंने गोद में उठाया तेरे रंगीन जख्म पर मरहम लगाया। मां रुठी बहन रूठी बाप मारने पर उतर आया । न जाने क्या करके मैंने उन्हें मनाया ।तेरी एक मुस्कान ने ऐसा जादू चलाया कि तेरे वास्ते अपनी मंजिल को मै पीछे छोड़ आया। तेरे जाने के बाद मैं ना जाने कितनी रातों को सो नहीं पाया और तड़पाता रहा तेरी हसीन यादों का साया । अरे मेरे चाहने वालों आज कमल ठाकुर शायर बन के तेरे शहर में आया।।
★IPS KAMAL THAKUR ★